एक राधा एक मीरा
एक राधा एक मीरा, दोनों ने श्याम को चाहा अंतर क्या दोनों की चाह में बोलो एक प्रेम दीवानी एक दरस दीवानी राधा ने मधुबन में ढूँढा, मीरा ने मन में पाया राधा जिसे खो बैठी वो गोविन्द मीरा हाथ बिक आया एक मुरली एक पायल, एक पगली एक घायल अंतर क्या दोनों की प्रीत में बोलो एक सूरत लुभानी एक मूरत लुभानी एक प्रेम दीवानी एक दरस दीवानी मीरा के प्रभु गिरिधर नागर, राधा के मनमोहन राधा नित श्रृंगार करे, और मीरा बन गयी जोगन एक रानी एक दासी, दोनों हरी प्रेम की प्यासी अंतर क्या दोनों की तृप्ति में बोलो एक जीत न मानी एक हार ने मानी एक प्रेम दीवानी एक दरस दीवानी